तो बंद हो जाएगा मध्याह्न भोजन

संत कबीरनगर कार्यालय मध्याह्न भोजन के लिए जुलाई से सितंबर तक के अनाज आवंटन का मामला अब तक नहीं सुलझा है। एफसीआई व विपणन विभाग के आंकड़ों में अंतर के चलते बीएसए ने एफसीआई का करीब चार लाख रुपये का भुगतान रोक दिया है। आंकड़ों में आ रहा अंतर तो दूर हो गया, लेकिन इन सबके चलते अनाज का वितरण नहीं हो पाया। परिषदीय विद्यालयों में अनाज नहीं पहुंचने से मध्याह्न भोजन बंद है। अगर स्थिति नहीं बदली तो जनवरी में हालात और खराब हो जाएंगे। जिले के 1645 विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बनता है। इसके लिए अनाज का आवंटन त्रैमासिक होता है।



जुलाई से सितंबर तक के लिए जो आवंटन हुआ था उसे लेकर मामला उलझ गया। बीएसए कार्यालय के एमडीएम सेल के सूत्रों की मानें तो एफसीआई ने अनाज उठाने के बाद जो भुगतान के लिए जो बिल प्रस्तत किया था उसमें व विपणन विभाग की तरफ से उठान की दी गई जानकारी में अंतर था। इसे देखते हुए करीब चार लाख रुपये का भुगतान रोक दिया गया। इस अंतर को देखते हुए विपणन विभाग ने भी अनाज का वितरण नहीं किया। मामला 10 दिन पहले तब चर्चा में आया जब खलीलाबाद के बीईओ प्रमोद त्रिपाठी ने बीएसए को पत्र भेजकर स्कूलों में अनाज के अभाव में मध्याह्न भोजन बंद होने की बात कही। इसके बाद बेलहर, सांथा व सेमरियावां के खंड शिक्षाधिकारियों ने भी पत्र भेजकर अनाज के अभाव में भोजन बंद होने की बात कही। उधर, डिप्टी आरएमओ का कहना है कि मध्याह्न भोजन के लिए त्रैमासिक आवंटन मिलता है। विपणन विभाग के गोदामों में मध्याह्न भोजन का दिसंबर तक अनाज उपलब्ध है। कोटेदार उठान भी कर रहे हैं। जिन कोटेदारों ने उठान नहीं किया होगा वे भी शुक्रवार को उठान कर लेंगे।